Alone Shayari

Ab kya likhun… Tanha Shayari

अब क्या लिखूँ ऐ जिंदगी तेरे बारे में,
जब वो ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे!
Ab kya likhun ae zindagi tere baare mein,
Jab wo hi bichad gaye jo zindagi hua karte the!

 

 

Ye kya silsile… Alone Shayari

ये क्या सिलसिले है तेरे मेरे दरमियान,
फासले तो बहुत है मगर मोहोब्बत कम नहीं होती!
Ye kya silsile hai tere mere darmiyan,
Faasle to bahut ha magar mohobbat kam nahi hoti!

Bahut masroof zindagi… Alone Shayari

बहुत मसरूफ़ जिंदगी के सिलसिले हैं,
पर कसम खुदा की, तू यादों में मेरी अब भी है!
Bahut masroof zindagi ke silsile hai,
Par kasam khuda ki, tu yaadon mein meri ab bhi hai!

उम्र तन्हा गुजार डाली किसी के इंतज़ार में,
हमसे कोई वापिस आने का वादा करके गया था!

Umr tanha guzaar daali kisi ke intezaar mein,
Humse koi wapis aane ka waada karke gaya tha!

उसे कह देना दिल तोड़ कर जाने वाले,
जरा ये तो बात दे मेरी सजा क्या है?

Use keh dena dil tod kar jaane wale,
Zara ye to bata de meri saza kya hai!

ना जाने क्यूँ आते है यूँ ही ज़िंदगी में लोग,
जो रिश्ता निभाने की बस बातें करते हैं!

Naa jaane kyun aate hai yun hi zindagi mein log,
Jo rishta nibhaane ki bas baatein karte hain!

अब क्या फर्क पड़ता है कोई साथ हो या ना हो,
अब क्या फर्क पड़ता है, किसी से बात हो या ना हो,
जब जरूरत थी, तब एक-एक करके सब ने साथ छोड़ दिया,
अब क्या फर्क पड़ता है, किसी से मुलाकात हो या ना हो!
Ab kya fark padta hai, koi saath ho ya na ho,
Ab kya fark padta hai, kisi se baat ho ya na ho,
Jab jarurat thi, tab ek-ek karke sab ne saath chod diya,
Ab kya fark padta hai, kisi se mulakaat ho ya na ho!

लाखों की भीड़ में मैं खोता सा चला गया,
लोग तो काफी थे, मैं बस यूं ही अकेला सा होता चला गया!
Laakhon ki bheed mein main khota sa chala gaya,
Log to kaafi the, main bas yunhi akela sa hota chala gaya!