पूरे की ख्वाहिश में इंसान बहुत कुछ खोता है, क्यूँ भूल जाता है की आधा अधूरा चाँद भी उतना ही…
बेचैन इस कदर था की सोया ना रात भर,पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर!Bechain is kadar tha…