वक्त के साथ-साथ कैसे चलना है तुमको,
मौसम से सीखो कैसे बदलना है तुमको!
Waqt ke saath-saath kaise chalna hai tumko,
Mausam se seekho kaise badalna hai tumko!
मेरे दिल का मौसम कुछ अजीब सा होने लगा है,
तुझसे मिलने पर बहार और तेरे जाने से खोने लगा है!
Mere dil ka Mausam kuch ajeeb sa hone laga hai,
Tujhse milne par bahaar aur tere jaane se khone laga hai!
छिप गया मेरा दिल जैसे बदली के पीछे आसमान,
अब तेरे बगैर एक पल भी मुझे एक अरसा सा लगता है!
Chip gaya mera dil jaise badly ke peeche aasman,
Ab tere bagair ek pal bhi mujhe ek arsa sa lagta hai!
छोड़ दिया है उसने पुरानी संगत को,
बदलाव तो दस्तूर है इस जमाने का,
बदलते रहो खुद को, यही रास्ता है मंजिल पाने का!
Mausam badal raha hai apni rangat ko,
Chod diya hai usne puraani sangat ko,
Badlaav to Dastoor hai is jamaane ka,
Badalte raho khud ko, yahi raasta hai manzil paane ka!
तुम मोहोब्बत भी मौसम की तरह निभाते हो,
कभी बरसते हो, कभी इक बूंद को भी तरसाते हो,
पल में कहते हो जमाने में फकत तेरे है,
पल में इज़हार-ऐ-मोहोबबत से मुकर जाते हो!
Tum mohabbat bhi Mausam ki tarah nibhaate ho,
Kabhi baraste ho, kabhi ik boond ko bhi tarsaate ho,
Pal mein kehte ho, jamaane mein fakat tere hai,
Pal mein izhaar-e-mohabbat se mukar jaate ho!
तुम लाख मौसम की तरह बदलते रहो पर,
सच तो ये है, तुम आज भी हमें शिद्दत से चाहते हो!
Tum laakh Mausam ki tarah badalte raho par,
Sach to ye hai, tum aaj bhi hame shiddat se chahte ho!
हम से बेहतर कौन जानेगा मिज़ाज मौसम का,
आखिर, हम कच्चे मकानों में रहने वालों में से है!
Hum se kaun jaanege behtar mizaaj mausam ka,
Aakhir, hum kache makano mein rehne walon mein se hai!
हर किसी पे बरसता एक बादल हो जाएगी,मेरा यकीं कर तू मेरे बिना पागल हो…
ज़िंदगी का सफर हम तुम्हारे नाम यूँ ही ना करते,उस रब का इशारा ना होता…
हम तुम्हें किसी भी हाल में खोना नहीं चाहते,तुम्हारी कसम, हम तुम्हारे सिवा किसी और…
कितना चुभने लगा हूँ सबको, मैं छुरा तो नहीं हूँ,जानी, तुम जितना बुरा बताते हो…
जो मना कर दिया है हमें आपने,खुदा कसम, जिंदगी भर तुम्हें इसका मलाल जरूर रहेगा!Jo…
मोटिवेशन (प्रेरणा) एक इंसानी फीलिंग है जो हमे सफलता के रास्ते की तरफ ले जाने…