मत सुन करो मेरी शायरी को गौर से जनाब,कुछ याद रह गया कभी तो मुझे भूल नहीं पाओगे!Mat suna karo…
यूँ तो कई बार भीगे बारिश मैं, मगर ख्यालों का आँगन सूखा ही रहा, जब आंखों की दीवारें गीली हुई…