Rahat Indori Shayari

Abhi ganimat… Rahat Indori Shayari

अभी गनीमत है सबर मेरा, अभी लबालब भरा नहीं हूँवो मुझको मुर्दा समझ रहा है, उसे कहो मैं मरा नहीं…

4 years ago

Sabki pagdi ko… Rahat Shayari

सबकी पगड़ी को हवाओं में उछाला जाए,सोचता हूँ कोई अखबार निकाला जाए,पी के जो मस्त है उनसे तो कोई खौफ…

4 years ago