चलता रहूँगा पथ पर, चलने में माहिर बन जाऊंगा,या तो मंजिल मिल जाएगी, या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा!Chalta rahunga path…
हदें शहर से निकली तो गाँव-गाँव चली,कुछ यादें मेरे संग पाँव-पाँव चली,सफर जब धूप का हुआ तब तजुरबा हुआ,वो जिंदगी…