हदें शहर से निकली तो गाँव-गाँव चली,कुछ यादें मेरे संग पाँव-पाँव चली,सफर जब धूप का हुआ तब तजुरबा हुआ,वो जिंदगी…
बहुत दर्द होता है जब हम किसी को खुद से ज्यादा चाहेऔर वो फिर भी हमारे साथ हमारे ही जज़्बातों…