दोस्ती रूह में उतरा हुआ रिश्ता है साहिब, मुलाकातें कम होने से दोस्ती कम नहीं होतीं! Dosti ruh mein utra…
ए रूह तू जरा धीरे-धीरे निकल, कहीं उस बेखबर को खबर ना हो जाए, मेरी जिंदगी की दुआ मांगती है…